Not known Factual Statements About sidh kunjika



नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।

न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।।

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन here में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

श्री मनसा देवी स्तोत्रम् (महेंद्र कृतम्)

ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

ॐ अस्य श्रीकुंजिकास्तोत्रमंत्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः,

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